Friday, June 19, 2009

Live Commentary from राज कॉमिक्स

"आप सबका स्वागत है राज कॉमिक्स इनसाइड स्टोरी में, और में हूँ आप सबका प्यारा दोस्त महारण...नाम तो सुना ही होगा.और ये है मेरा सहयोगी टेकर..इसका नाम तो जरूर सुना होगा."
आज हम आपको दिखायेंगे राज कॉमिक्स के अन्दर की बात.
तभी टेकर महारण के कान में फुसफुसाता है..टेकर -'ऑफिस के अन्दर जाने के लिए संजय जी ने अनुमति नहीं दी है'
महारण-'कोई बात नहीं बाहर का ही दिखा देंगे, पब्लिक को सभी चैनल वाले मुर्ख बनाते है, हम भी बनायेंगे.'

"हाँ तो प्यारे दर्शकों, हम आपको दिखायेंगे की यहाँ राज कॉमिक्स का चिडियाघर है, जहाँ बहुत सारे छोटे मोटे जानवर है. "
महारण इधर उधर नज़र दौड़ता है, एक चिडिया तक नज़र नहीं आता.
टेकर के कान में, 'अरे एक चिडिया भी नज़र नहीं आ रहा है, क्या ख़ाक दिखायेंगे लाइव शो में, तुम तो बोल रहे थे, बहुत से जानवर है.'
टेकर- 'अन्दर है, क्या गेट पर ही बाँध कर रखेंगे, कोई गाई , भैंस पालकर नहीं रखा हुआ है राज कॉमिक्स वालों ने.'
'अकल तो बच्चा जितना भी नहीं, किसने बना दिया इसको रिपोर्टर.'

"तो दोस्तों आइये अन्दर चलते है. यहाँ पर तरह के पशु पक्षी है और राज वाले इनका कितना ध्यान रखते है.
राज मतलब नागराज..नागराज मतलब सांप. आइये हम दिखाते है की राज वाले साँपों का कितना ख्याल रखते है."
पीछे मुड़कर टेकर को 'जल्दी से सांप को दूध पीलानेवाला विडियो चालू कर'
हाँ तो आप देखिये यहाँ सांप दूध पीते हुए.....
स्क्रीन में दिखाई दिया,, कोई फोरम मेंबर दूध पी रहा है.
महारण टेकर से धीमी आवाज में 'अबे तुझे सांप को दूध पिलाने वाला विडियो लगाने बोला था, आस्तीन के सांप वाला नहीं...और तू ये hat पहनकर क्यूँ आया, जयादा हीरो बनना है क्या'. टेकर ने कोई जवाब नहीं दिया. उसने चुपचाप विडियो बदल दिया.
अब देखिये बन्दर किस तरह यहाँ मस्ती करते है.
'बन्दर वाला विडियो चालू कर'
स्क्रीन पर दिखाई दिया.. कुछ फोरम मेम्बेर्स पेड़ पर चदे है, बंटी और शादाब पेड़ के इर्द गिर्द घूम रहे है'
अब तो महारण के बर्दाश्त के बाहर हो गया. वो मारने दौडा टेकर को तभी, बहादुर (इन पशु पक्षियों का देखभाल करता है) दौड़ता हुआ आया.और चिल्लाया . "अरे सबसे नटखट बन्दर अपने पिंजरे से भाग गया है, और उसने किसी फोरम मेंबर का कपडा पहना हुआ है, और सर पर hat भी है."
अब भागने की बारी महारण की थी, जो वहां से भागा सीधे स्टेशन पर जाकर रुका....


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Wednesday, April 15, 2009

डोगा का इंटरव्यू

आजकल जहाँ देखो interview जोरों पर चल रहा है . Forum में members का , TV पर actors का , news channel par अपराधियों का .

तो भैया इसी कड़ी में एक reporter cum cameraman को डोगा मिल गया कहीं . और डोगा भी हो गया राज़ी तो क्या करेगा काजी .

रिपोर्टर - हाँ तो डोगा जी आप का पहली बार TV के लिए interview लिया जा रहा है , आपको कैसा लग रहा है .

डोगा - अच्छा तो लग रहा है , लेकिन ये बताओ मुझे देखकर तो सभी को पसीना आता है तुम इतने cool कैसे हो .

R: Wo ji hum to aise hi hai. आप एक superhero है (मन में कहता है -self declared), आप को कैसा लगता है .

डोगा : में तो हूँ ही superhero,real superhero. जस्सी जैसी ...mmm डोगा जैसा कोई नहीं .
R: हम्म (मन में कहता है -Serials का असर पड़ा है ). लेकिन नागराज , ध्रुव , परमाणु भी तो है superhero हैं .

डोगा: (खीजते हुए )कैसा नागराज , कौन सा नागराज . वो दुष्ट अपने आप को Superhero बोलता है . बिना सर्प शक्ति के कुछ कर नहीं पता . अपने पढ़ा ही होगा न ; नागाधीश में बिना नाग शक्ति के गली के गुंडों से पिट गया था .

R: mmm..(reporter का चेहरा गुस्से से लाल हो जाता है , मन में कहता है तेरी तो ऐसी की तैसी , अगर reporter न होता तो तुझे अभी बताता )

डोगा : अरे भाई reporter शर्म से लाल होने की जरूरत नहीं है , नहीं पढ़ा होगा अपने , आजकल पढता ही कौन है नागराज की कॉमिक्स .

(Reporter की आँखें गुस्से से बहार निकलने को थी , लेकिन भला हो चश्मे का जो reporter ने पहन रखा था , आँखों को बहार नहीं आने दिया )

डोगा फिर शुरू हो गया ...

डोगा : और ध्रुव अपने आपको दिमागवाला कहता है, आजतक क्लास 10th तक का certificate भी नहीं है उसके पास , फोकट में अपना डंका खुद ही बजाता रहता है , किसी दिन में उसको बजाऊंगा तो समझ में आयेगा. सर्वनाश में तो मैंने उसको ठोक दिया होता , बच्चा समझकर छोड़ दिया .

परमाणु अपने मामा की दी हुयी ड्रेस पर उछलता है , ड्रेस छीन लो फिर देखो , धरी की धरी रह जायेगी साड़ी सुपर हीरोगिरी .

R: हम्म...(मन में कहता है -बहुत आगे जा रहा है , अभी निकालता हूँ इसकी सारी हेकड़ी ) डोगा जी आप तो रात भर GUTTER(गटर word पर जोर देते हुए ) में घूमते है , दिन को कहाँ रहते है .

डोगा : तुम्हे बताऊ ये , जो अभीतक किसी को नहीं मालूम .

R: हम्म. सुना है मोनिका से आपका रिलेशन अभी सही नहीं चल रहा है .

डोगा: (चीखते हुए ....)KYAAAAAAAA . तुझे कैसे मालूम ...मतलब तुझे ये भी मालूम है की में ही सूरज हूँ .. तेरी तो ..
.(डोगा gun निकालता है ).

डोगा कुछ नहीं सुनता और गोली चला देता है धांय .......

डोगा देखता है की रेपोएर्टर उसके आँखों के सामने गायब हो गया .

रात को ठीक 9.30 बजे TV पर .

Reporter......

आज आप देखेंगे डोगा का फर्स्ट exclusive interview भारती Channel पर और में हूँ आप सबका प्यारा राज .


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Sunday, April 12, 2009

त्रिकालदर्शी महारानाचार्य

त्रिकालदर्शी महारानाचार्यज्जी अपने बातानुकुलित (Air Conditioned) कमरे में चहलकदमी करते हुए. आजकल वो प्रसन्न रहते है. आमदनी जो होने लगी है आजकल . लोकसभा का चुनाव आ रहा है. नेताओं की भीड़ लगी रहती है उनके पास. सभी अपना भविष्य जानना चाहते है. कुछ काम तो करते नहीं सिर्फ भाग्य के भरोसे ही चुनाव जीतना चाहते है. महारानाचार्य भी सबको जीतने की भविष्यवाणी करते है और मोटी रकम ऐंठते है सबसे.
नेताओं के आवाजाही के कारण उन्हें अपने दफ्तर को बातानुकुलित करना पड़ा है. गरीबों का मसीहा हमेशा AC कार में घूमते है, बिना AC के कमरों में उन्हें पसीना आने लगता है. गरीबों का खून बहे कोई problem नहीं लेकिन नेताओं को पसीना नहीं आना चाहिए, आखिर वो ही तो देश के कर्णधार है. प्रसिध्धि भी मिलने लगी है. प्रसिध्ध होने का भी नुकसान है. बहुत से लोग परेशान करने लगे है. लेकिन इतने बड़े व्यक्ति को कौन परेशान कर सकता है.
तभी कमरे में महाराणाचर्या के शिष्य ने प्रवेश किया.
शिष्य-आचार्यजी अरुणजी फिर आये है.
महारानाचार्य:हम्म.. (आ गयी परेशानी. इनसे कुछ मिलने वाला तो है नहीं, आ जाते है बार बार, कितना बार कह चूका की मेरे पास टाइम नहीं है, लेकिन सैकडों बार फ़ोन कर चुके है ये अरुणजी, अपने फोरम का भविष्य जानना चाहते है). कह दो नहीं मिल सकता बहुत busy हूँ.
शिष्य: जो आज्ञा आचार्यजी. कुछ प्रेस वाले भी आये है, उन्हें भी कह दू की आप busy हँ.
म: अरे रुक नालायक. प्रेस वाले को भेज, वो मेरा इंटरव्यू लेंगे और इन निकम्मी न्यूज़ चैनल्स में भी दिखायेंगे, मेरा नाम होगा , दूर -दूर से नेता आएंगे. उनको भेज.(फिर कुछ सोचकर) अरुणजी फोरम वाले को भी भेज दे.
प्रेस वाले और पीछे सहमे हुए अरुणजी का प्रवेश. अरुणजी का चेहरा देखकर लगता है की जैसे उनको कोई खजाना मिल गया है, क्यूंकि ज्योतिषाचार्य ने उनसे मिलने के लिए मान गए है.
प्रेस वाले आते ही VVIPs की तरह सामने बैठ गए और फोटोग्राफेर्स फोटो लेने का pose बनाते हुए.
आचार्य अरुणजी के तरफ मुखातिब हुए. क्या समस्या है आपको.
अरुणजी: क्या बताये आचार्यजी. पता नहीं क्या हो गया फोरम को. सभी एक दुसरे से लड़ रहे है. एक दुसरे के खिलाफ भड़काऊ पोस्ट कर रहे है. सबकी जिह्वा आग उगल रही है. अपशब्दों की बौछार हो रही है. छोटे बड़े का लिहाज नहीं है. मुझे भी उनके बिच पड़ने से डर लगता है, पता नहीं कब उनका निशाना में बन जाऊँ. में बहुत परेशान हूँ. जब से चुनाव का उद्गोष हुआ है, मैंने न्यूज़ चैनल देखना बंद कर दिया है, नेता एक दुसरे के खिलाफ इतने अपशब्द कह रहे है की मुझे शर्म आती है टीवी देखते हुए. अब बस फोरम का ही सहारा था, अब तो लगता है यहाँ आना भी बंद करना पड़ेगा. ऐसा कबतक चलेगा. अब तो लडाई फोरम से निकलकर होम पेज के ब्लॉग तक पहुच गयी है. इतना शर्मसार तो फोरम आजतक नहीं हुआ. फोरम में तो सिर्फ फोरम मेम्बेर्स आते है, लेकिन ब्लॉग तो हर कोई देख सकता है.
(इतना कहकर अरुणजी हाफ्ने लगे, one लाइन पोस्ट करने की आदत है, इतना बड़ा पोस्ट करने की उनकी आदत छुट जो गयी है)
म: मान गए अरुणजी, आप तो फोरम में one लाइन पोस्ट करते हो, यहाँ पर इतना बड़ा पोस्ट.
अ: आपको कैसे पता, कहीं आप...
म: नहीं नहीं कुछ नहीं. आगे बोलिए क्या समस्या है..
अ: अबतक क्या में फ्रेंच में बोल रहा था, समझ में नहीं आया क्या. मेरा मतलब है की समस्या जानने के लिए कृपया ऊपर लिखे पोस्ट को ध्यान से पढिये( निकम्मा कहीं का. कभी आ फोरम पर बताऊंगा तुझे भी, अपने आप को बड़ा तीस मार खां समझ रहा है.)
आचार्य गंभीर हो गए.उनको ये समस्या मालूम है. लोग घर में समस्या होने पर बैरागी बन जाता है, कोई साधू बन जाता है. आचार्य जो वास्तव में फोरम के मेंबर amitabhkar ही है, आज के modern ज़माने में साधू न बनकर भविष्यवक्ता बन गए, आखिर फोरम उनके लिए घर जैसा ही था. फोरम के झगडों से दुखी होकर (लोगों को तो ये ही कहते है, लेकिन सच्चाई है की पैसा कमाने के लिए) आचार्य बन गए. पहले बड़ा सा नाम सोचा अपने लिए. त्रिकालदर्शी रत्नविशारद भविष्यवक्ता अचुकानंद महारानाचार्य रखा था, लेकिन signborad का खर्चा ज्यादा आ रहा था तो उन्होंने नाम को छोटा करके सिर्फ महारानाचार्य कर दिया. प्रसिध्ध गुनी महारानजी कह गए है की नाम में क्या रखा है. (वास्तव में ये William Shakespeare ने कहा है, लेकिन ये इसको अपने नाम से चलाते है, नेताओं को क्या पता किसने कहा है, वो सुनकर बिना अर्थ समझे ही गद गद हो जाते है)
वो पहले अरुणजी से मिलना नहीं चाहते थे, की उनको पहचान ना ले, लेकिन प्रेस वालों को
impress करने के लिए मिलना ही पड़ा, की वो पैसे के लिए ये सब नहीं कर रहे है.

एक गहरी सोच के बाद पुरे 5 मिनट तक चुप रहकर आचार्य ने अपना मुह खोला, भाव तो ऐसा की इन 5 मिनट में वो पुरे ब्रह्माण्ड का चक्कर लगा आये हो, आचार्य ना हो कोई नारी जाती की आवाज शक्ति हो.
म: देखिये अरुणजी ये ग्रहों का प्रभाव है. (अपने ज्योतिषीय अंदाज में जारी रखते हुए) ग्रहों के इन बुरे प्रभावों के कारण चारो और अशांति फैली हुई है. राहू अभी थोड़े गुस्से में है, क्यूंकि उसे उसके कुर्सी से बेदखल कर दिया है केतु ने. गुस्से से उसका खून उबल रहा है, जिससे पुरे धरती में अशांति फ़ैल गयी है.
हमारा (मरवाएगा क्या, तू अभी पकडा जायेगा महारण) मतलब आपका फोरम भी इन प्रभावों से बच नहीं सकता. इसीलिए ये अशांति फैली हुई है. एक झगडा ख़तम होता है, दूसरा शुरू होता है. अभी चुनावों का बाज़ार है, नेता टीवी पर गाली गलौज कर रहे है, इनका दुष्प्रभाव भी फोरम के भोले भले बच्चों पर असर कर रहा है. बड़ों को देखकर ही बच्चे सीखते है. वो भी नेताओं की बोली सिख गए है. इसको सिर्फ समय ही रोक सकती है. सब ठीक हो जायेगा .
अब आपलोग आराम से फोरम जाये, मेरा मतलब घर जाये. और मेरा ये सर्व झगडा निवारण ताबीज़ ले जाये .
ताबीज़ हाथ में आते ही अरुणजी चलने लगे तो साथ
में प्रेस वाले भी चल दिए. आचार्य जी आश्चर्य से बोले, मेरा इंटरव्यू का क्या हुआ.
प्रेस वाले बिना सुने चल दिए.
बाहर आकर अरुणजी मुस्कुराये, साथ में रिपोर्टर बना taker और फोटोग्राफर बना रंधावा भी. आज खूब उल्लू बनाया इन्होने स्वयंभू त्रिकालदर्शी बने उसे आचार्य को. बिना तिकड़म भिडाये जो मिल ही नहीं रहा था वो आचार्य. प्रेस वालों को impress करने के लिए आखिर मिल ही लिया.
खिड़की से उनको देखते हुए महारण भी मुस्कुराया, पहचान तो वो भी गए थे taker और रंधावा को, लेकिन फिर भी भविष्य बताया, क्यूंकि महारण को मालुम है, जितने नेताओं के भविष्यवाणी उसने किया है, एक भी सच नहीं होने वाला क्यूंकि आज जनता जागरूक हो गयी है, लेकिन फोरम वाली भविष्यावानी अबश्य सच होगी. फोरम में शांति जल्द ही लौट आयेगा.


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Sunday, February 22, 2009

फौलादी सिंह--ब्रह्माण्ड का सबसे शक्तिशाली योध्धा


फौलादी सिंह-डायमंड कॉमिक्स का एक शानदार चरित्र, जो काफी प्रसिद्ध था. फौलादी सिंह की पहली कॉमिक्स 1978 में आयी थी 'फौलादी सिंह और जादुई अंडा'. फौलादी सिंह का कार्य क्षेत्र वस्तुत: अंतरिक्ष ही था. इसीलिए उसे ब्रह्माण्ड का सबसे शक्तिशाली पुरुष कहना अनुचित ना होगा. फलादि सिंह की कहानिया काफी रोचक और नयी होती थी. पाठकों को सपनो की दुनिया में ले जाती थी. फौलादी सिंह वैज्ञानिक शक्तियों से भरी हुई पोषक पहनता था. उसके पास असीमित शक्तियां थी. डॉक्टर जॉन जो फौलादी सिंह के मेंटर थे एक island में रहते थे, उनकी अलग ही दुनिया थी. साथ में ६ इंच का लम्बू भी रहता था. दुसरे ग्रहों के लोह डॉक्टर जॉन से हेल्प मांगने उस द्वीप पर आते थे. I miss फौलादी singh's comics very much.


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Saturday, February 21, 2009

शक्तिपुत्र-राधा कॉमिक्स


शक्तिपुत्र - जब मैंने कॉमिक्स पढना शुरू किया था कुछ कॉमिक्स शक्तिपुत्र का पढ़ा था . शक्तिपुत्र एक बेहतरीन character था . उसकी stories ultimate होती थी . ये राधा कॉमिक्स का एक superhero था जो अब बंद हो चूका है .
शक्तिपुत्र की पहली कॉमिक्स थी यन्त्र दानव का आतंक . जयादातर कहानियाँ अन्तरिक्ष के युध्ध /अपराधी पर आधारित होती थी .
I liked this character very much.


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Friday, February 20, 2009

प्रलयंकारी मणि ---नागराज ?????


यह एक ऐसा कॉमिक्स था , जिसके cover page पर नागराज का सिर्फ नाम था और कॉमिक्स के लास्ट पेज में सिर्फ 1 frame में नागराज का एक फोटो था . पूरी कॉमिक्स में कहीं भी नागराज 1 picture तक नहीं था . क्या किसी दुसरे superhero के साथ ऐसा risk ले सकती थी राज कॉमिक्स . लेकिन फिर भी कॉमिक hit था , क्यूंकि ये कॉमिक्स नागराज के series का एक हिस्सा था . अभी ऐसा रिस्क राज क्कोमिक्स नागराज के साथ भी नहीं ले सकती.
लेकिन फिर भी कुछ कॉमिक्स पुब्लिश हुए है नागराज के ; जिसमे नागराज का रोल बहुत ही कम था e.g. भानुमती का पिटारा , फ्लेमिना , छोटा नागराज .
नागराज एक ऐसा कैरेक्टर है जो सिर्फ अपने नाम से भी कॉमिक्स चला सकता है , किसी दुसरे superhero के नाम में इतना दम नहीं है


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Revival of RAJ COMICS has begin


नागायण
WTS
Born in blood and other
अमर प्रेम
परमात्मा
परीराक्षक भोकाल
Made in India-Steel
दैत्य पुत्र योध्धा


ये सारे अभी चल रहे सीरीज़ के नाम है. अगर आप इन सभी सीरीज़ पर गौर करेंगे तो देखेंगे की सभी सीरीज़ लगभग different concept पर आधारित है.
नागायण से जहाँ रामायण जैसे महागाथा को present करने की कौशिश की गयी, wahin WTS world terrorism par based hai.Born in Blood और डोगा हिन्दू है सीरीज़ जहाँ भारत के आतंरिक समस्याओं को present करता है तो अमर प्रेम एक प्रेम कहानी है.
परीराक्षक भोकाल परियों के मैजिक वर्ल्ड की सैर कराती है तो परमात्मा बिलकुल अलग ही कहानी है.
योध्धा क्या दिखाता है ये तो आनेवाला समय ही बताएगा, लेकिन इतना विश्वास है की जो भी होगा कुछ अच्चा ही होगा.
क्या आपको इतनी विविधता राज कॉमिक्स में एकसाथ कभी देखने को मिली थी अब से पहले, I guess आपलोगों का जवाब ‘NO' ही होगा!!
क्या आप लोगों को ऐसा नहीं लगता की राज कॉमिक्स अब अपने स्तर नई उचाइनों की ओर ले जा रहे है.
बहुत से fans को इनमे से ज्यादातर सीरीज़ पसंद नहीं आ रही है, लेकिन अगर आप विविधता देखेंगे तो ये golden era है राज कॉमिक्स का.
आज हमारी mentality change हो चुकी है इसीलिए story में परिवर्तन होना लाज़मी है और परिवर्तन ही संसार का नियम है.
ये तो गयी कॉमिक्स की बात .
अब आता हूँ fans पर .
आज internet की कृपा से कॉमिक्स की पहुच दूर-दूर तक हो गयी है , जो लोग कॉमिक्स पढना बिलकुल ही छोड़ चुके थे वो अब फिर से कॉमिक्स के साथ जुड़ रहे है . आज आप Orkut में राज कॉमिक्स के नाम से search करेंगे तो आपको 28 community मिलेगी जिसमे कुछ communities के members तो 500 को पार कर चुके है . ये शायद बहुत बड़ा number नहीं है लेकिन इन communities के members का बड़ा हिस्सा 20 age group ऊपर का है जो की ये दर्शाता हा की लोग फिर से जुड़ रहे है , क्यूंकि 20 तक आकार लोग कॉमिक्स पढना छोड़ ही देते है .
में ये तो नहीं कहूँगा की अब फिर से 90s का golden era वापस आ गया है , लेकिन ये तो सिर्फ एक शुरुआत भर है .


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